मंगला गौरी मंत्र एक प्राचीन और शक्तिशाली मंत्र है जिसका उच्चारण महिलाओं द्वारा विशेष अवसरों पर किया जाता है। यह मंत्र माता परमेश्वरी की विभिन्न शक्तियों को आह्वान करता है और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करने में सहायता करता है।
मंगला गौरी मंत्र में कहा गया है:
"ऊँ ह्रीं श्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे नमः गर्भगेहे मनोरमा यत्र नारी सुरक्षिता। तस्यै मंगलगौर्यै नमः॥"
इस मंत्र का अर्थ है - "हे चामुण्डा देवी, मैं तुम्हें प्रणाम करता हूं। हे गर्भगेह में निवास करने वाली मनोरम देवी, जहां महिलाएं सुरक्षित रहती हैं, उस मंगला गौरी को मेरा प्रणाम।"
मंगला गौरी मंत्र को विशेष रूप से गर्भवती महिलाओं द्वारा जपा जाता है ताकि प्रसव के समय सुरक्षा और आशीर्वाद मिल सके। इसके अलावा, विवाहित महिलाएं भी इस मंत्र का जाप करती हैं ताकि उनके परिवार में खुशहाली और समृद्धि आए।
कई लोग मंगला गौरी मंत्र को एक दिन में 108 बार जपने की सिफारिश करते हैं। इसे जपने से पहले स्नान करना और पवित्र वस्त्र पहनना महत्वपूर्ण माना जाता है। मंत्र जाप के दौरान, एक दीपक जलाया जाता है और माला का उपयोग किया जाता है।
मंगला गौरी मंत्र की शक्ति का सम्मान करते हुए, इसे विनम्रतापूर्वक और एकाग्रचित मन से जपना चाहिए। इससे न केवल आध्यात्मिक लाभ मिलता है, बल्कि जीवन में शांति, समृद्धि और आनंद भी आता है।
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