राजयोग के लक्षण: शरीर व व्यक्तित्व में अद्भुत परिवर्तन
राजयोग एक प्राचीन साधना पद्धति है जिसके अभ्यास से मनुष्य अपने अंदर के गुप्त शक्तियों को जागृत कर सकता है। इस योग विद्या के साधकों में कुछ विशिष्ट शारीरिक और मानसिक लक्षण देखे जाते हैं जिन्हें राजयोग के लक्षण कहा जाता है।
शारीरिक लक्षण:
मुखमंडल पर एक विशिष्ट चमक व प्रकाश - राजयोगियों के चेहरे पर एक अलौकिक चमक और आभा नजर आती है जो उनकी आंतरिक शुद्धता और साधना की गहराई को दर्शाती है।
आँखों में अद्वितीय गहराई - उनकी आँखों में एक विशेष गहराई और गंभीरता होती है जो उनके मानसिक शांति और समाधि की स्थिति को प्रदर्शित करती है।
स्वस्थ और युवा शरीर - राजयोगियों के शरीर में एक विशेष स्वस्थता और जवानी देखने को मिलती है, जो उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का परिचायक है।
व्यक्तित्व लक्षण:
शांत और संयमित व्यवहार - राजयोगी सदा शांत, संयमित और गंभीर व्यवहार रखते हैं। उनके चेहरे पर सदा एक अनुग्रह और करुणा की भावना विद्यमान रहती है।
सहज बोलचाल और व्यवहार - राजयोगियों की भाषा और आचरण सहज, सरल और प्राकृतिक होते हैं। उनमें किसी प्रकार का अहंकार या बनावटीपन नहीं होता।
दयालु और करुणामय स्वभाव - सभी प्राणियों के प्रति उनके हृदय में दया और करुणा की भावना समाहित होती है। वे किसी को दुःख नहीं पहुंचाते।
इन शारीरिक और मानसिक लक्षणों से राजयोगियों को आसानी से पहचाना जा सकता है। इन लक्षणों से उनकी आध्यात्मिक साधना की गहराई और सिद्धि का अनुमान लगाया जा सकता है।
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