कई बार ज्योतिषी स्वयं फलादेष करते समय सटीक फलादेष करने में असमर्थ होता है, जिसका कारण ज्योतिष के ज्ञान में कमी, एकाग्रता में कमी और इष्ट की कृपा में कमी होती है। संभव है कि फलादेष करते समय ज्योतिषी को कम समय में अधिक बातें उस समय याद न रही हों। हस्तलिखित कुंडली की खास बात यह होती है कि निर्माणकर्ता जातक को ध्यान में रखकर सटीक फलादेष कर सकता है। कंप्यूटर निर्मित फलादेष विस्तृत तो अवष्य होता है, परंतु फिर भी मषीन निर्मित होने के कारण इसके फलादेष में व्यक्ति विषेष और विवेक की कमी सामने आती है।
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